रामनगरी अयोध्या में यह रामकथा का नया अध्याय है, 492 वर्ष तक चली संघर्ष-कथा का अपना 'उत्तरकांड' है। अपनी माटी, अपने ही आंगन में ठीहा पाने को रामलला पांच सदी तक प्रतीक्षा करते रहे तो रामभक्तों की 'अग्निपरीक्षा' भी अब पूरी हो रही है। पीएम नरेंद्र मोदी बुधवार यानी आज दिन में अभिजीत मुहूर्त में श्रीराम जन्मभूमि में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन करने के साथ ही आधार शिला भी रखेंगे।
आडवाणी, जोशी ने इस आंदोलन को आगे बढ़ाया और उसे धार दी। लेकिन भूमि पूजन के लिए वे अयोध्या नहीं जाएंगे। दोनों नेता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समारोह में शामिल होंगे। बताया जा रहा है कि कोरोना संकट को देखते हुए उन्हें समारोह स्थल पर नहीं बुलाया गया है।राम मंदिर आंदोलन के अगुवा रहे बीजेपी के सीनियर नेता लालकृष्ण आडवाणी ने भूमि पूजन को लेकर वीडियो मैसेज दिया है.
बीजेपी के ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से जारी इस मैसेज में आडवाणी ने कहा- 'जीवन के कुछ सपने पूरा होने में बहुत समय लेते हैं, ऐसा ही एक सपना जो मेरे हृदय के समीप है. अब पूरा हो रहा है. अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर पीएम श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा श्रीराम मंदिर का भूमि पूजन सभी भारतीयों के लिए ऐतिहासिक और भावपूर्ण क्षण हैं.'
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने कई ट्वीट और संवाददाता सम्मेलन में बताया कि मुख्य समारोह के लिए आमंत्रित किए गए 175 लोगों में से 135 संत हैं जो विभिन्न आध्यात्मिक परंपराओं का हिस्सा हैं. ट्रस्ट ने यह भी कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण धार्मिक नेताओं सहित कुछ अतिथियों को भूमि-पूजन समारोह में शामिल होने में कुछ दिक्कतें आ रही हैं.
प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए अयोध्या सज-संवर कर भी तैयार हो गई है। मोदी के गुजरने वाले रास्तों पर भी सजावट की गई है। दीवारों पर रामायण कालीन प्रसंगों की आकृति अलग ही शोभा बिखेर रही है। सड़कें साफ-सुथरी नजर आ रही हैं। सरयू तट के किनारे की सजावट सभी को आकर्षित कर रही है। राम की पैड़ी रंगोलियों से संवर गई है। बुधवार को दीपोत्सव मनाने के लिए दीपक भी राम की पैड़ी के घाटों पर सजा दिए गए हैं।
मंदिर निर्माण आंदोलन के लिए बीजेपी के तत्कालीन अध्यक्ष आडवाणी ने 1990 में गुजरात के सोमनाथ से अयोध्या तक के लिए रथ यात्रा शुरू की थी। लेकिन आडवाणी को बिहार के तत्कालीन सीएम लालू प्रसाद यादव ने समस्तीपुर जिले में गिरफ्तार करवा लिया था। जब पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद पर अपना फैसला सुनाया था तब आडवाणी ने इसपर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह बड़ी बात है कि ईश्वर ने उन्हें इस आंदोलन से जुड़ने का मौका दिया। आडवाणी ही वे शख्स थे जिनकी अगुवाई में बीजेपी ने 1992 के बाद से लगातार बढ़त बनाई। पार्टी ने केंद्र में दिवंगत पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में सरकार बनाई और आडवाणी उप प्रधानमंत्री बने। बाद में बीजेपी में मोदी युग आने के बाद आडवाणी धीरे-धीरे नेपथ्य में चले गए और फिलहाल पार्टी के मार्गदर्शक मंडल में शामिल हैं।
सौजन्य : इंटरनेट